वाराणसी में सुबह के अर्घ्य के साथ सम्पन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ, आज व्रती खोलेंगे उपवास,
छठ की छटा मे डूबे दिखे शहरवासी
प्रदेश आजतक : वाराणसी मे शुक्रवार की सुबह आदित्य देव के दर्शन को व्रतियों संग श्रद्धालुओं मे खूब उत्साह दिखा। सूर्य देव के उदीयमान होते ही उन्हे व्रतियों संग श्रद्धालुओं ने खूब निहारा और अपना अर्घ्य समर्पित किया। चार दिनों का यह कठिन व्रत आज के इस अर्घ्य के साथ सम्पन्न हो गया। व्रतियों ने तीन दिनों का यह कठिन व्रत आज पूर्ण किया। काशी क्षेत्र के सभी मुख्य घाटों से लेकर तालाबों, सरोवरों, वरुण घाट, दशाश्वमेघ घाट, अस्सी घाट समेत शहर भर के तमाम घाटों पर व्रत करते दिखे।
इस पूरे आयोजन के दौरान घाटों संग चौक चौराहों पर पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी देखि गई। वहीं गंगा के लहरों पर एनडीआरएफ़ संग एसडीआरएफ की टीम भी पूरी मुस्तैदी से तैनात दिखीव्रतियों को कोई दिक्कत न हो इसका खयाल जिला प्रशासन की टीम ने बखूबी रखा। स्थानीय वरती इसके लिए जिला प्रशासन को साधुवाद और धन्यवाद भी देते दिखे।
आपको बतादें की छठ का व्रत नहाय खाए के साथ शुरू होता है। जिसमे व्रती लोग शुद्ध सात्विक प्रसाद ग्रह करते हैं । जिसमे दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाया और खाया जाता है। जिसे बखिर कहा जाता है। दूध, गुड, चावल को पानी मे पकाकर खीर की तरह बनाया जाने वाला यह प्रसाद खाकर व्रती 36 घंटे का उपवास रखते है।
व्रतियों ने गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया की पहली अर्घ्य पूर्ण करने के उपरांत शुक्रवार की सुबह की लालीमा लिए आदित्य देव को अर्घ्य देकर अपना यह व्रत पूर्ण किया। लोक आस्था का यह महापर्व छठ आज शुक्रवार को सुबह के अर्घ के साथ सम्पन्न हुआ।
जिसमे व्रती लोग अपने अपने हाथों मे सूप लिए गंगा मे खड़े होकर अपना व्रत पूर्ण करते दिखे। सूप मे फल ठेकुआ ईख आदि के साथ पूजा सामग्री रखी होती है। जिसको लेकर अर्घ देने वाले लोग घूमते है। हर हर महादेव और जय छठी मैया के नारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था।
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