समाज में नहीं था सरनेम लगाने का रिवाज! कब और किसने शुरू की यह परंपरा?
Explainer- नाम के बाद सरनेम से ही व्यक्ति की पहचान होती है. सरनेम जन्मजात इंसान से जुड़ जाता है जो उसकी जाति, धर्म और परिवार के बारे में बताता है. नाम के पीछे सरनेम लगाने का सिलसिला कब शुरू हुआ और लड़कियां शादी के बाद क्यों बदल लेती हैं सरनेम, कभी सोचा है?
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