भाद्रपद की अमावस्या को करें इस खास मंत्र का जाप...नाराज पितर होंगे प्रसन्न!
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुश ग्रहणी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है इसे देव पितृ कार्य अमावस्या और पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन इस दिन व्रत और अन्य पूजन कार्य करने से पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है. शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव होता है.
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